Tenant Rights: अगर किराएदार को पता हों ये 5 अधिकार तो कोई मकान मालिक नहीं कर सकता परेशान
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Oct 14, 2024 03:20 PM IST
आज के समय में बेशक होम लोन जैसी तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन फिर भी मकान खरीद पाना सबके बस की बात नहीं है. खासकर जो लोग छोटे शहरों को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर या किसी दूसरे मेट्रोपॉलिटन शहर में नौकरी करने के लिए आते हैं, वो कई वर्षों तक अपना गुजारा किराए के मकान में रहकर ही करते हैं. ऐसे में कई बार मकान मालिक उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर मनमानी करते हैं और किराएदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. कई बार तो उन्हें अचानक से मकान खाली करने के लिए या किराया बढ़ाने के लिए बोल दिया जाता है. अगर आप भी किराए के मकान में रहते हैं तो किराएदारों के 5 अधिकार जरूर समझ लें, ताकि मकान मालिक आपकी स्थितियों का गलत फायदा न उठा सकें.
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यूं ही मकान से नहीं निकाल सकता मकान मालिक
कानून कहता है कि रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किराएदार को मकान से नहीं निकाल सकता. अगर किराएदार ने 2 महीने से रेंट न दिया हो या उसके मकान का इस्तेमाल कॉमर्शियल काम या किसी ऐसे काम के लिए कर रहा हो, जिसका जिक्र रेंट एग्रीमेंट में न हो, तो वो किराएदार से मकान खाली करने के लिए कह सकता है. लेकिन इस स्थिति में भी मकान मालिक को किराएदार को 15 दिनों का नोटिस देना पड़ता है.
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किराया बढ़ाने के लिए देना होगा नोटिस
अगर मकान मालिक मकान का किराया बढ़ाना चाहता है तो उसे किराएदार को कम से कम तीन महीने पहले इसके लिए नोटिस देना चाहिए. अचानक से किराया नहीं बढ़ा जा सकता. इसके अलावा मकान मालिक से बिजली का कनेक्शन पीने का साफ पानी पार्किंग जैसी साधारण सुविधा मांगना किराएदार का अधिकार है. कोई भी मकान मालिक इससे इनकार नहीं कर सकता.
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मकान रेनोवेट कराने का काम मकान मालिक का
रेंट एग्रीमेंट लागू होने के बाद अगर मकान का ढांचा खराब हो जाता है, तो उसे ठीक कराने का जिम्मा मकान मालिक का होता है. लेकिन अगर मकान मालिक उसे रेनोवेट कराने की स्थिति में नहीं है, तो किराएदार मकान का किराया कम करने के लिए कह सकता है. किसी विवाद की स्थिति में किराएदार रेंट अथॉरिटी से भी संपर्क कर सकता है.
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